एक सोच- बुद्धि का पैमाना?

नमस्कार दोस्तो, आज मै फिर एक नए ब्लॉग एक साथ "एक सोच - बुद्धि का पैमना" के साथ आया हूं। दोस्तो सोच का ही तो फर्क है कि आज कोई आदमी सफल है और कोई असफल कभी हमने यह जानने की कोशिश की है कि हम किसी काम मै असफल क्यों हो जाते है?

हम जो सोचते है उसे क्यों नहीं कर पाते सबके पीछे केवल एक ही कारण है सोच...दोस्तो तो आइए आरंभ करते है एक नए अध्याय की और मुझे पूरा विश्वास है कि इसे पढ़ने के बाद आपके सोच में बदलाव जरूर आयगा।।
अक्सर लोग कहते है कि मेरे पास सफल लोगो जितनी बुद्धि नहीं है, बुद्धि का बहाना बहुत ही लोकप्रिय है। वास्तव में यह इतना आम है  यह हमारे आस पास के तकरीबन 95% लोगों में किसी ना किसी रूप में होता है।

ज्यादातर लोग दूसरे के सामने यह मानने को तैयार ही नहीं होते है की उनमें पर्याप्त बुद्धि या समझ नहीं है। परन्तु वे अंदर से  यह बात महसूस करते है।
जब  बुद्धि की बात आती है, तो हमसे से ज्यादातर लोग दो तरह कि गलतियां करते है:-
1) हम अपनी बुद्धि को कम लेते है।
2) हम दूसरे की बुद्धि को अपने से ज्यादा समझते है।
 इन गलतियों के कारण लोग काफी नुकसान में रहते है। वे कठिन परस्थितियों का सामना करने में असफल रहते है, क्युकी उनमें बुद्धि की जरूरत होती है।तभी वहां एक ऐसा आदमी आता है जो बुद्धि के बारे में जरा भी विचार नहीं करता और उसे वह काम मिल जाता है।।

एक बार कलाम जी से एक पत्रकार ने पूछा की "क्या कोई भी बच्चा scientists सकता है*??कलाम जी ने जवाब दिया की scientists बनने के लिए तूफ़ानी दिमाग की जरूरत नहीं होती, न ही चमत्कारी यादासत की  जरूरत होती है, और न ही जरूरी है कि बच्चा स्कूल में बहुत अच्छे नंबरों से पास हो, scientists  बनने के लिए जरूरी है कि बच्चे कि विज्ञान में रुचि हो।उसकी यह रुचि जितनी ज्यादा होगी, वह उतना ही बड़ा scientists बनेगा?

किसी भी काम में जुटे रहिए जब तक की वह पूरा  न  हो जाए  यही असली पते की बात है।यही बात आपको आम से खास बना देती है।। जुटे रहने कि हिम्मत ही योग्यता का 95% हिस्सा है।।
आप पाठकों में से ज्यादातर लोग गाड़ी चलाना तो जानते ही होंगे..और  फोर्ड गाड़ी के बारे में आप सभी जानते ही होंगे क्युकी सड़क पर 10 गाडियों में एक फोर्ड कि होती है।। एक बार हेनरी फोर्ड ने शिकागो ट्रिबनुल पर मानहानि का मुकदमा ठोक दिया।कारण यह था कि अखबार ने फोर्ड को अज्ञानी कह दिया था?

फोर्ड ने उनसे यह सिद्ध करने को कहा??
ट्रीबनुल ने फोर्ड से दर्जनों सवाल पूछे जैसे अब्राहम लिंकन कोन थे? क्रांति का युद्ध कब लदा गया? इस साल की मिस यूनिवर्स? और फोर्ड ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं दे पाए, उनकी मूलभूत शिक्षा कम हुई थी।
आखिरकार फोर्ड काफी परेशान होने के बाद गुस्से में बोले,  इं सवालों के जवाब तो नहीं जानता, परन्तु  पांच मिनट में ऐसे आदमी का  पता लगा सकता हूं जो इन सारे सवालों के जवाब जानता हो।।

हेनरी फोर्ड ने फालतू  की जानकारी हासिल करने में अपनी रुचि कभी नहीं दिखाई ।उन्हें वह बात मालूम थी  हर सफल आदमी जानता है दिमाग को तथ्यों का गराज मत बनाओ, यह जानकारी रखो की जानकारी कहा से हासिल हो सकती है?
इसलिए दोस्तो अपने आपको को पहचानो कुछ भी मुश्किल नहीं आप और  वह सब कुछ कर सकते है को हम करना चाहते है तो देर किस बात की हो जाओ त्यार एक नई जंग के लिए अपने सपनों को पूरे करने के लिए।।

जब हमारी  सोच में बदलाव होगा तो हम और हमारा समाज अपने आप बदल जाएगा। दोस्तो यह समय कुछ करने का अपनी बुद्धि को  सही दिशा में लगाओ अपने गोल कि तरफ फोकस करो आपका फ्यूचर बनाने कोई दूसरा नहीं अयगा आप अपने future maker खुद हो..

#जय_हो

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