आर्ट्स एक करियर के रूप मे..(सच्ची कहानी)
आज मैं आपको जिन्दगी की उस सच्चाई से अवगत कराना चाहूँगा जो की अधिकतर युवाओं के साथ घटती है, मैं आशा करता हु की आआर्ट्स एक करियर के रूप मे।।प इसे पूरा पढंगये:-
यह बात 30 मई, 2011 की है जब मुझे पता चला की मेरे 10th क्लास 59% आये है।यह सुनकर मेरे घर वालो को बहुत निराशा हुई, क्योंकि मेरे पेरेंट्स हमेशा से ही मुझे science स्ट्रीम मे भेजना चाहते थे।पर 59% science तो छोड़ए मुझे commerce तक नही मिला, हर जगह से निराशा ही हाथ लगई।
उस दिन मैं पूरी रात सोया भी नही मुझे रोना आया और रात भर यह सोचता रहा की अब मैं life मे किया करूँगा, मैं अंदर से पूरी तरह टूट चुका था।और आत्महत्या तक के बारे मैं सोच लिया था।मैं यह सोचा की मेरे माता पिता ने मेरे पर इतना पैसा खर्चा किया
।मुझे सभी तरह की सुविधा प्रदान की उस समय मेरे घर की आर्थिक सिथति भी अच्छी नही थी, उस समय मेरे माता पिता ने एक एक पैसा जोड़कर मुझे टयूशन जैसे सुविधा उपलब्ध कराई।
जब मेरे 59% आये तो मेरे माता पिता ने एक बार भी मुझे डाटा नही बल्कि मुझे दिलासा दिया की अब आपके पास दो विकल्प पहला, की आप दुबारा दसवीं क्लास मैं पढ़ सकते है। दूसरा, आप आर्ट्स को लेकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकते है।
एक बार तो मेरे मन मे यह विचार आया की पढ़ाई छोड़ दू और नौकरी पकड़ लू, पर दूसरे पल यह विचार आया की अपनी पढ़ाई जारी रखनी चाहिए।जब मैं कहि जाता कोई मुझसे पूछता की आपने कोन सा स्ट्रीम लिया है तो जब मैं कहता की जी आर्ट्स लिया तो मुझे लोग ऐसे देखते थे की जैसे मैने कोई अपराध कर दिया हो और कुछ लोग तो ताने मारने से भी नही चूकते थ उस समय मैने उन लोगो से कुछ नही कहा केवल एल प्यारी से smile दी।े पर जब आज जब उन लोगो से मिलता हु तो आज उनकी हिम्मत तक नही होती की कुछ बोलने की।फिर मैंने 12 जुलाई को आर्ट्स लेकर अपनी पढ़ाई जारी की और अगले साल ही प्रथम आया और इस बार पूरी लाइफ में पहली बार 1st division आया, 89% के साथ पर खुश नही हुआ क्योंकि मुझे अभी और आगये जाना था, और जब पास आउट हुआ तो regular कॉलेज से श्री अरविन्द महाविद्यालय से अपनी पढ़ाई 2nd topper के साथ पूरी की।मेरे पुरे परिवार में मैं पहला स्टूडेंट था जिसने रेगुलर से पढ़ाई पूरी की और मै आज भी खुश नही हु ।मुझे और आगये बढ़ाना है अपनी माँ की आँखों मैं खुशि देखना चाहता हु।यह सब बता कर मैं अपनी बड़ाई नही कर रहा ह।क्योंकि 10th और 12th क्लास के students के results आने वाले है।।बल्कि student और उनके parents को यह बतना चाहता हु की आप निराश ना हो अगर बच्चे के कम नंबर हो तो बल्कि उसका हौसला बढ़ाये।और मई में 100% के साथ कहता हूं अगर आप अपने बच्चे के साथ खड़े है तो वः जरूर सफल होगा।।
अतः आप युवाओ को आगये बढ़ना होगा लाइफ मैं कुछ करना होगा।आगये बढ़ो अपने अंदर की आग को पहचानो आपके अंदर की आग को और बढाओ ।पर हारना मत दोस्तों क्योंकि आपके कंधो पर आपके घर, पेरेंट्स, भाई बहन सबकी जिमेदारी है।
युवाओ उठो , अपनी शक्ति पहचानो
आर्ट्स एक करियर के रूप मे.. सच्ची कहानी
यह बात 30 मई, 2011 की है जब मुझे पता चला की मेरे 10th क्लास 59% आये है।यह सुनकर मेरे घर वालो को बहुत निराशा हुई, क्योंकि मेरे पेरेंट्स हमेशा से ही मुझे science स्ट्रीम मे भेजना चाहते थे।पर 59% science तो छोड़ए मुझे commerce तक नही मिला, हर जगह से निराशा ही हाथ लगई।
उस दिन मैं पूरी रात सोया भी नही मुझे रोना आया और रात भर यह सोचता रहा की अब मैं life मे किया करूँगा, मैं अंदर से पूरी तरह टूट चुका था।और आत्महत्या तक के बारे मैं सोच लिया था।मैं यह सोचा की मेरे माता पिता ने मेरे पर इतना पैसा खर्चा किया
।मुझे सभी तरह की सुविधा प्रदान की उस समय मेरे घर की आर्थिक सिथति भी अच्छी नही थी, उस समय मेरे माता पिता ने एक एक पैसा जोड़कर मुझे टयूशन जैसे सुविधा उपलब्ध कराई।
जब मेरे 59% आये तो मेरे माता पिता ने एक बार भी मुझे डाटा नही बल्कि मुझे दिलासा दिया की अब आपके पास दो विकल्प पहला, की आप दुबारा दसवीं क्लास मैं पढ़ सकते है। दूसरा, आप आर्ट्स को लेकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकते है।
एक बार तो मेरे मन मे यह विचार आया की पढ़ाई छोड़ दू और नौकरी पकड़ लू, पर दूसरे पल यह विचार आया की अपनी पढ़ाई जारी रखनी चाहिए।जब मैं कहि जाता कोई मुझसे पूछता की आपने कोन सा स्ट्रीम लिया है तो जब मैं कहता की जी आर्ट्स लिया तो मुझे लोग ऐसे देखते थे की जैसे मैने कोई अपराध कर दिया हो और कुछ लोग तो ताने मारने से भी नही चूकते थ उस समय मैने उन लोगो से कुछ नही कहा केवल एल प्यारी से smile दी।े पर जब आज जब उन लोगो से मिलता हु तो आज उनकी हिम्मत तक नही होती की कुछ बोलने की।फिर मैंने 12 जुलाई को आर्ट्स लेकर अपनी पढ़ाई जारी की और अगले साल ही प्रथम आया और इस बार पूरी लाइफ में पहली बार 1st division आया, 89% के साथ पर खुश नही हुआ क्योंकि मुझे अभी और आगये जाना था, और जब पास आउट हुआ तो regular कॉलेज से श्री अरविन्द महाविद्यालय से अपनी पढ़ाई 2nd topper के साथ पूरी की।मेरे पुरे परिवार में मैं पहला स्टूडेंट था जिसने रेगुलर से पढ़ाई पूरी की और मै आज भी खुश नही हु ।मुझे और आगये बढ़ाना है अपनी माँ की आँखों मैं खुशि देखना चाहता हु।यह सब बता कर मैं अपनी बड़ाई नही कर रहा ह।क्योंकि 10th और 12th क्लास के students के results आने वाले है।।बल्कि student और उनके parents को यह बतना चाहता हु की आप निराश ना हो अगर बच्चे के कम नंबर हो तो बल्कि उसका हौसला बढ़ाये।और मई में 100% के साथ कहता हूं अगर आप अपने बच्चे के साथ खड़े है तो वः जरूर सफल होगा।।
अतः आप युवाओ को आगये बढ़ना होगा लाइफ मैं कुछ करना होगा।आगये बढ़ो अपने अंदर की आग को पहचानो आपके अंदर की आग को और बढाओ ।पर हारना मत दोस्तों क्योंकि आपके कंधो पर आपके घर, पेरेंट्स, भाई बहन सबकी जिमेदारी है।
युवाओ उठो , अपनी शक्ति पहचानो
आर्ट्स एक करियर के रूप मे.. सच्ची कहानी
Very nice bro, I proud of you
ReplyDeleteThanks uma ji
ReplyDeleteI think it be wonderful but please Write en English also i am interested to read
ReplyDeleteYes translation already available
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