क्या आप भी तो बहाना नहीं बनाते?

नमस्कार दोस्तों, पहले तो मैं आप सभी से माफी चाहूंगा कि मै कुछ दिनों से ब्लॉग नहीं लिख पा रहा था क्युकी मेरे एग्जाम चल रहे थे, पर दोस्तो अब हर हफ्ते एक ब्लॉग आयेगा जो कि हमारे जीवन से संबंधित घटनाओं को उठाएगा और निराकरण करने का प्रयास करेगा।

दोस्तो आज का मेरा ब्लॉग "क्या आप भी तो बहाना नहीं बनाते" जैसा कि आप सभी जानते है आज हम सभी अपनी रोज कि लाइफ में किसी भी काम को टालने के लिए नए नए  बहाना बनाते है तो इस ब्लॉग मै इन्हीं बातो को बताया गया आशा करता हूं इसे आप पूरा पढ़नग्ये:-
चुकी सफलता का सबंध लोगो से है, इसलिए सफल होने के लिए यह जरूरी है कि आप लोगो को अच्छी तरह से समझ ले।अगर आप लोगो को ध्यान से देखने पर आप उनसे यह सीख सकते है कि जिंदगी में सफल कैसे हुआ जा सकता है।
लोगो का अध्ययन गहराई से करे और आप ऐसा करेंगे तो आप देख सकते है कि असफल लोगो को दिमाग की एक भयानक बीमारी होती है।जिसे हम बहानासाइट (excusitis) का नाम से सकते है।हर असफल आदमी मै यह बीमारी विकसित अवस्था मै पाई जाती है।और ज्याातर आम आदमी में यह बीमारी थोड़ी बहुत तो होती है।

आप पांगए की बाहनासाइट की बीमारी सफल और असफल व्याक्तियों के बीच का सबसे बड़ा अंतर होती है।सफलता की सीढ़ियों पर बिना रुके चढ़ने वाला आदमी बाहनासाइट का रोगी नहीं होता, जबकि असफलता कि ढलान पर लगातार फिसलने वाला आदमी बाहनासाइट से पीड़ित होता है।अपने आस पास के लोगो को देखने पर आप पाएंगे कि जो आदमी जितना  सफल होता है, वह उतने ही कम बाहाने बनाता है।
परंतु जो आदमी कही नहीं पहुंच पाता और उसके पास कही पहुंचने की कोई योजना भी नहीं होती उसके पास बहाने थोक मै होते है।असफल लोग तुरंत बता देते है कि उन्होंने अमुक काम क्यों नहीं किया, या वे उसे क्यों नहीं कर करते या वे उसे क्यों नहीं कर सकते या की वे असफल क्यों है?
सफल लोगो के जीवन का अध्ययन करे और आप उन सबमें एक बात पाएंगे - असफल लोग जो बाहाअने बनाते है सफल आदमी भी भी वही बहाने बना सकता है, पर वह बहाने नहीं बनाता।

मै जितने भी बेहद सफल बिज़नेसमेन, मिलेट्री आफिसर, सेल्समैन, प्रोफेशनल लोगो से या किसी भी क्षेत्र के अग्रणी लोगो से मिला हूं या जिनके बारे में मैंने सुना है, उनके सामने बहानो की कोई कमी नहीं थी।रूजवेल्ट  अपने बेजान पैरो का बहाना बना सकते थे, केनेडी यह कह सकत थे कि प्रेसिडेंट बनते समय मेरी उम्र कम थी, बिल गेट्स सिक्षा की कमी का बहाना बना सकते थे, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी अपने गरीबी का बहाना बना सकते थे।।

किसी भी रोग कि तरह बाहनासाइट का अगर समय पर सही इलाज नहीं किया जाए तो हालात बिगड़ सकती है।विचारो  की इस बीमारी का शिकार आदमी इस तरह से सोचता है :-
"मेरी हालात उतनी अच्छी नहीं है, जितनी कि होनी चाहिए।
अब मै लोगो के सामने अपनी इज्जत बचाने के लिए कौन सा बहाना बना सकता हूं? बूरी सेहत? सीक्षा का अभाव?ज्यादा  उम्र?कम उम्र?बदकिस्मती ?व्यतिगत  प्रॉब्लम्स?बूरी पत्नी या पति? मां पापा की गलत परवरिश?अभी सही समय नहीं है?"
अगर आप मै भी इनमें से कोई भी बीमारी तो उसे तुरंत दूर करिए अगर सफल बना है तो फैसला आपका है??

असफलता कि बीमारी से पीड़ित आदमी जब किसी "अच्छे" बहाने को चुन लेते है तो फिर वह इसे कसकर जकड़ लेता है।फिर वह इस बहाने के सहारे लोगो को और खुद को यह समझाता है कि वह जीवन में आगे क्यों नहीं बढ़ पा रहा है।
सफलता की राह में अपने चिंतन को सही दिशा में के जाने के लिए सबसे पहले तो आपको कदम उठाना पड़ेगा की आप बाहनासाइट (excuses) बचाव के लिए मरहम लगवा लें।यह इसलिए जरूरी है, क्युकी बाहनासाइट एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान को जीवनभर सफल नहीं होने देती।
आपको मै एक उदहारण से बहाना के बारे में बताता हूं- कल की बात है मैने अपने भाई को कहा भाई सुबह जल्दी उठकर दौड़ लगा लिया कर उसने कहा ठीक है कल से ऐसा ही करूंगा ५ बजे उठकर मै और मेरा दोस्त रोज सुबह 🏃 running  के लिए जाएंगे पर जब आज सुबह ६ बजे अपने भाई के पास गया और पूछा कि क्या हुआ मॉर्निंग वॉक के लिए गए क्यों नहीं तो उसने बहाना बना दिया कि मेरा दोस्त आया नहीं और पेट में हल्का दर्द भी था।।दोस्तो एक बात जान लो इस जिंदगी की सफर पर आपको अकेले ही चलना होगा, बाद में कारवां तो अपने आप आ जायेगा।

बाहनासाइट की बीमारी और उसे कैसे दूर करें अगले ब्लॉग मै बताऊंगा- चार तरह के बाहनासाइट होते है जो कि मुख्य है।
आपने ब्लॉग को पूरा पढ़ा इसके लिए शुक्रिया मुझे आप सभी पाठकों से ही प्रेरणा मिलती है।

To be continue-
सेहत का बहाना बनना।।

सफलता का सार ही आत्मबल है"

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